मेहंदीपुर में देख ले झुकती आकर ये दुनिया सारी,
कटते हैं उनके संकट आते जो नर नारी
महिमा का तेरी कैसे करूँ बखान,
ओ मंगल कारी चरणों में सत सत प्रणाम,
दुनियाँ में जिनसे ओ बाबा तुमको जनम दिया,
दुनियाँ में उस पूज्य माँ के चरणों को प्रणाम,
शक्ति मिली है तुमको जिस माँ के दूध से,
उस रतन, उस नयन उसके तन को प्रणाम,
ओ मंगलकारी चरणों में सत सत प्रणाम,
सुन ले मेहंदीपुर वाले ओ बाबा घाटे वाले,
आया हूँ दर पे तेरे जीवन ये तेरे हवाले,
मुख में जो सूर्य रखा तो प्रकाश गुम हुआ,
हे अंजनी के नंदन लो कबूल कर दुआ,
उस सफ़र उस डगर उस समय को प्रणाम,
पल में अँधेरा को टाला ब्रह्माण्ड का तभी,
उस उम्र, उस नज़र और बल को प्रणाम,
ओ मंगलकारी चरणों में सत सत प्रणाम,
सुन ले मेहंदीपुर वाले ओ बाबा घाटे वाले,
आया हूँ दर पे तेरे जीवन ये तेरे हवाले
संकट हैं कटते जहाँ मेहंदीपुर वो धाम है,
क्योंकि वहां पर भी तेरे हृदय में राम हैं,
भागते हैं भूत बाबा इक तेरे नाम से,
सुनते खुश तू होता बस राम नाम से,
होता अजय तो तेरी भक्ति में खो गया,
धीरज है मिलता उसको आता जो धाम है,
मोहन की मुरली जैसी मन में समाँ गई,
ऐसी निराली तेरी छवि को प्रणाम,
जन्मों जनम ना होगी महिमा तेरी बखान,
ऐसी अलौकिक शक्ति अमर को प्रणाम,
ओ मंगलकारी चरणों में सत सत प्रणाम,
सुन ले मेहंदीपुर वाले ओ बाबा घाटे वाले,
आया हूँ दर पे तेरे जीवन ये तेरे हवाले