कहां से आए और कहां तुम्हें जाना,
राम लखन से पूछे हनुमाना,
श्यामल सुंदर गौर शरीरा,
क्यों फिरते हो वन में दोनों वीरा,
कांधे पर धनुष और हाथों में माला,
राम लखन से पूछे हनुमाना
कहां से आए और......
त्रिदेव से सुंदर दोनों तुम हो,
नर और नारायण दोनों तुम हो,
क्यों सहते हो बन में दुख नाना,
राम लखन से पूछे हनुमाना,
कहां से आए और.....
हम तो बाबा अवध के वासी,
खोजा तो नार्वे बनवासी,
अपना भेद बताओ बलवाना,
राम लखन से पूछे हनुमाना,
कहां से आए और.....
सुन हनुमंत चरण लिपटाए,
तन पुलकित मन वचन उचारे,
अब ना विसारो मुझे श्री भगवाना,
राम लखन से पूछे हनुमाना,
कहां से आए और......