हरी का भजन करूँ हरी को नमन करूँ
हरी को पुकारूँ सुबह शाम
हरी के भजन बिन जीवन सूना
कैसे मान समझौं
छ्चोड़ के जुग के बंधन मैं तो
द्वार हरी के जौन
हरी के चरण पड़ून हरी को नमन करूँ
हरी को पुकारूँ
मुरली मनोहर कृपा सरोवर
जाग के पालन हारी
भक्ति दान दो गिरधर नागर
शरण पड़े जो टिहरी
विनती हरी से करूँ हरी को नमन करूँ
हरी को पुकारूँ
हरी का भजन करूँ हरी को नमन करूँ
हरी को पुकारूँ सुबह शाम