मेरे सांवरिया सरकार म्हाने है थारी दरकार
तेरे नाम को ध्याया तूने पार लगाया कर दिया बड़ा पार
लखदातार ओ लखदातार ................
सुबह शाम आठों याम तुझको मैं चाहूँ बाबा
तेरा नाम लेके मैं तुझको रिझाऊं
मेरे सांवरिया सरकार तेरी हो रही जय जयकार
तेरे नाम को ध्याया तूने पार लगाया कर दिया बड़ा पार
लखदातार ओ लखदातार ................
हारा था जब मैं बाबा तूने ही संभाला था
पता अब चला है मुझको तूने ही तो पाला था
मेरे सांवरिया सरकार तू ही जीवन का आधार
तेरे नाम को ध्याया तूने पार लगाया कर दिया बड़ा पार
लखदातार ओ लखदातार ................
श्याम बहादुर शिव जी दृष्टि ज़रूरी है
शगुन अमित को तारो आज यही अर्ज़ी है
मेरे खाटू के सरकार हमें तारो अबकी बार
तेरे नाम को ध्याया तूने पार लगाया कर दिया बड़ा पार
लखदातार ओ लखदातार ................'