भगत खड़ा थारे द्वार लियो छोटी सी अरदास,
माहने दर्शन देवो
घर घर हॉवे गांव शहर में सेवा पूजा तुम्हारी,
आवे द्वारे शीश जुकावे थारे नर और नारी,
थारे दर्शन सु मिल जावे दुखिया ने आराम,
माहने दर्शन देवो
जगह जगह पर भटकियो बाबा कोई सुनी न माहरी,
सब देवो ने छोड़ बाबा चौकठ पकड़ी थारी,
सच्चा मार्ग माहने तू दिख ला दो माहने था सु आस ,
माहने दर्शन देवो
महिमा थारी सब सु निराली थारा खेल निराला बाबा,
दुखियारा का दुःख दर्द मिटाओ भगता रा रखवाला,
महारे मन की आस पुजाओ सुन लो म्हारा नाथ,
माहने दर्शन देवो