लाडो किरपा करती खास
वो तो विपिन बसा लेती जो जपता
श्री हरिदास श्री हरिदास श्री हरिदास श्री हरिदास
अंबर में सितारा है,
मेरे स्वामी हरिदास जू का निधिवन,बड़ा प्यारा है,
गुलशन में फूल खिले,
श्री निधिवन कुंजन नित श्यामा श्याम मिले,
ये जो श्री वृंदावन है,
ये और नही कुछ भी प्रिय प्रीतम का मन है,