-------------भजन के बोल-------------------
ओ राधे कहे नैन चुरावे मोते बच ना पावेगी
कन्हिया क्यों ज्यादा इतरावे आफत तोपे आवेगी
राधे काहे नैन चुरावे मोते बच ना पावेगी
कन्हिया क्यों ज्यादा इतरावे आफत तोपे आवेगी
1 ) तेरी मेरी प्रीत पुरानी , कहे रार करे वृजरानी
कान्हा का तने मन मे ठानी , उलटी बात करे मनमानी
राधिके कर मेरी पहचान , ना मोते फिर शरमावेगी
कन्हैयाँ क्यों ज्यादा इतरावे आफत तोपे आवेगी
2 ) तेरा बरसाने क्या काम , चला जा उलटा तू नंदगाँव
तू राधा में तेरो श्याम , मिटाएले प्यारी भ्रम तमाम
रही ना तेरी अखियन में लाज की दुनियाँ बात बनावे गी
राधे कहे नैन चुरावे मोते बच ना पावेगी
3 ) प्रेम की बात तोये समझाऊँ मुरलिया तेरे लिए बजाऊँ
में बातन में ना ही आऊँ जल भर के अपने घर जाऊँ
मैं मार्ग रोक खड़ा हो जाऊँ किशोरी कैसे जावेगी
कन्हिया क्यों ज्यादा इतरावे आफत तोपे आवेगी
4 ) छेड़े काहे मोहे मुरारी मोते दूर हटो बनवारी
प्रेम की भिक्षा दे दो प्यारी दुभिदा खत्म करो अब सारी
ओ भूलन त्यागी हरि की लीला सब की वाणी गावेगी
ओ राधे काहे नैन चुरावे मोते बच ना पावेगी
बच ना पावेगी ओ राधे बच ना पावेगी
राधे काहे नैन चुरावे मोते बच ना पावेगी
कन्हैयाँ क्यों ज्यादा इतरावे आफत तोपे आवेगी
राधे काहे नैन चुरावे मोते बच ना पावेगी
कन्हैयाँ क्यों ज्यादा इतरावे आफत तोपे आवेगी