राधे रानी दे डालो ना, बांसुरी मेरी रे ।
कहे से बजाऊं राधे, काहे से मैं गाऊं रे ।
काहे से लावूं गईया, हे जी रे ॥
मुख से बजावो काहना, कंठ से गावो रे ।
लाठिय से लावो गईया, हे जी रे ॥
या बांसुरी में मोरे प्राण बसत हैं ।
वोही बंसरी ले गयी, छोरी रे ॥