राधे रानी के दरबार में , भक्तों का मेला ,
भक्तों का मेला , यहाँ ना कोई अकेला ,
लाखो भक्त रोज हैं आते , राधे-राधे गाते ,
राधे-राधे गाते हैं और राधे के हो जाते ,
राधे रानी के दरबार में , भक्तों का मेला ,
राधे-राधे जिसने गाया , उसने श्याम को पाया ,
छोड़ दी सारी दुनियादारी , छोड़ दी झूठी माया,
राधे रानी के दरबार में , भक्तों का मेला ,
खाली हाथ ना जाये कोई , नर हो चाहे नारी ,
सब पर कृपा करती हैं , वृषभानु की दुलारी ,
राधे रानी के दरबार में , भक्तों का मेला ,
Lyrics - Jay Prakash Verma , Indore,