तीनों लोकों में है सबसे निराला,
वो कान्हा मेरे मन बसता,
जिसके नाम का है जग में उजाला,
वो कान्हा मेरे मन बसता.....
नील वरण तन श्याम है जिसका,
वही श्याम मेरे मन विच बसता,
कैसी सांवली सलोनी छवि वाला,
वो कान्हा मेरे मन बसता,
तीनों लोकों में है सबसे निराला,
वो कान्हा मेरे मन बसता.....
ये जो बाबा नंद का छोरा,
जानता है सब जादू टोना,
लूट लिया मेरा मन भोला भाला,
वो कान्हा मेरे मन बसता,
तीनों लोकों में है सबसे निराला,
वो कान्हा मेरे मन बसता.....
तन मन धन सब तुझ पर अर्पण,
ये जीवन अपना मन मोहन,
जिसके नाम की मैं जपती हूं माला,
वो कान्हा मेरे मन बसता,
तीनों लोकों में है सबसे निराला,
वो कान्हा मेरे मन बसता.....