रेल गाड़ी चलने वाले है
प्रभु जी काया की बन गई रेल
हाथ पैर के पहिये बन गए दो नैनं के सिगनल बन गए
दिल को इंजन बनाये रेल रेल गाड़ी चलने वाले है
प्रभु जी काया की बन गई रेल
हाथ पैर के पहियाँ थक गए
दो नैनं के सिंगल भुज गए
दिल को इंजन है गयो फेल रेल स्टेशन पे खाड़ी हु
प्रभु जी काया की बन गई रेल
एक लडके के साईंआ बनवावे
बा के उपर रेल सिलाए
कर सोल्हा शिंगार ये रेल रेल कंधे पे जा रही है