जब याद कान्हा तेरी आई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके...........
याद आता है तेरा माखन चुराना
वो गोपियों को पनघट बुलाना
कैसे सही कान्हा तेरी जुदाई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके...........
मेरे साजन मेरे माही
काहे सताए आजा कन्हाई
काहे जग में है मुझे बिसराई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके...........
करके भरोसा तेरा जग में है आया
देख रूप मेरा मन भरमाया
ओस मोड़ की मनोज कृष्ण की आँख भर आई
मोरे नैन नीर भर आये
मैं रोया तुझे याद करके कान्हा
मैं रोया तुझे याद करके...........