जी भरके तुझको देखा लेकिन खिला न पाई ।
आँचल से दूध टपके २ मैं लेकिन पिला न पाई ॥
दो नैना रोते रह गए तेरा इन्तजार करके ।
गोकुल तुझे पठाया ममता का प्यार भरके ॥
जब तो ही था गर्व मैं शिकवा दिला ना पाई ॥
आँचल से दूध टपके २ मैं लेकिन पिला न पाई ॥
ममता का मेरे लाडले कोई ना मोल होता ।
ममता जो माँ के तोलता कोई ना तोल होता ॥
छह भैया मारे कंस ने मे उनसे मिला ना पाई ॥
आँचल से दूध टपके २ मैं लेकिन पिला न पाई ॥
रोता ह ये ग़मे दिल रोता है आश्यिाना ।
जल्दी से मेरे लाडले मथुरा में लौट आना ॥
कविता तेरे नरेंदर ये दुनिया ना जान पाई ॥
आँचल से दूध टपके मैं लेकिन पिला न पाई !!