आया हो सो जाएगा ल राजा रंक फकीर एक सिंघासन चढ़ चले तो एक बन्दे जंजीर
कंचन वाली काया रे सेलानी भंवरा पावना एक दिन जावाला तो पाछा कोनी आव लाल
हा अच्छा अच्छा फुलडा रे माली गा बेटा तोड़ ले माला लेई बनाय फेर कुंभ लावाला
कंचन वाली काया रे,,,,,,,,,,,
हा अच्छी अच्छी लकड़ी रे खाती गा बेटा काट लें फिर पाछे पछताय संग जल जावाला
कंचन वाली काया रे,,,,,,
हा मीठो मीठो दूधो रे ग्वालिया बिरा पी लें आव कसाई लेव काट फेर काई पावा ला
कंचन वाली काया रे,,,,,,,
हा हंस हंस गा लयो रे गुरु जी वाला गीतडला भेरव भज मल राव फेर काई गावा ला
कंचन वाली काया रे,,,,,,,