ठाकरी सी लागी थारी

ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी,
ठाकरी सी लागी जी,
ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी।
बाबा थारी चाकरी भी....... ।

काम नहीं थो कोई म्हानें,
मारयो मारयो फिरतो थो,
दो रोटी के ख़ातिर मैं तो,
सेठा सेठा करतो थो,
सेठा सेठा करतो थो,
साँचो सेठ मिल्यो तो घर में,
बाजरी भी आगी जी,
ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी....... ।

देख के म्हाने मिनख जहाँ का,
अपनी पीठ दिखाता था,
करके तमाशा म्हारी दशा का,
म्हारी हँसी उड़ाता था,
म्हारी हंसी उड़ाता था,
इब सगळा के होंठाँ बाबा,
सांकळी सी लागी जी,
ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी....... ।
मिनख जहाँ का संसार के लोग।

खोटो सिक्को जाण के म्हानें,
ठोकर मार गुड़ाया था,
गैरा की के बोला सागी,
घर का भी छिटकाया था,
घर का भी छिटकाया था,
थारे दर पे आके खोटी,
पावली भी चाली जी,
ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी....... ।

बीती बाता याद करूँ क्यूँ,
मेरे रोज दिवाळी है,
जीवन म्हारो श्याम हवाले,
यो म्हारो बनमाली है,
यो म्हारो बनमाली है,
थारो साथ मिल्यो तो सरिता,
दुनियाँ पुछण लागी जी,
ठाकरी सी लागी थारी,
चाकरी या लागी जी,
बाबा थारी चाकरी भी.......
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