अंजनी नंदन बलशाली मेहंदीपुर के नाथ
हम दीन के शीश पर रखियो दया का हाथ
तेरी महिमा से बढ़ी राजश्थान की शान
रोम रोम में भक्तो के बेस हो तुम हनुमान
भूत प्रेत की छाया से दुखी है जो प्राणी
हर व्याधि से मुक्त हो तेरे दर आकर वो
जय बालाजी हनुमान सालासर धाम
मेहंदी तुम्हारे प्रेम की जिस हाथ में लग जाए
सुध चित्ता जपते बालाजी नाम तेरा दिन रात
घटा मेहंदीपुर में है कष्ट हरण तेरा धाम
रोग से पीड़ित काया को मिलता आराम