सुनिये पवन कुमार हरो भूभार प्राथना करते है,
हर शनि मंगल वार ध्यान तेरा धरते है,
महावीर वन्दना करते है महावीर याचना करते है,
सुनिये पवन कुमार हरो भूभार प्राथना करते है,
अंजनी सूत हनुमान तुम्हारी महिमा अप्रम पार है,
राम दूत महावीर केसरी कोटि कोटि जयकार है,
कर सूरज का ग्रास गिरी के वास कीड़ाये करते है,
हर शनि मंगल वार ध्यान तेरा धरते है,
सुनिये पवन कुमार हरो भूभार प्राथना करते है,
ऋषिमुख पर राम और सुग्रीव मित्रता करवाई,
इक वार में लांग गये कपि सात समुन्दर की खाई
गढ़ लंका को तोड़ मुद्रिका छोड़ सिया दुःख हरते है,
हर शनि मंगल वार ध्यान तेरा धरते है,
सुनिये पवन कुमार हरो भूभार प्राथना करते है,
महाबली जा दरोणागिरी पर्वत को उठा कर लाये थे,
संजीवन भुटटी ला कर लक्ष्मण के प्राण बचाये थे,
करे रावण का नाश राम के दास हुंकारा भरते है,
हर शनि मंगल वार ध्यान तेरा धरते है,
सुनिये पवन कुमार हरो भूभार प्राथना करते है,
लाल लाल मुख लाल लंगोटा लाल अंजनी ललकारो,
ताल ताल पर दाल गधा फिर महाकाल को फटकारो,
किरपा करे रघुवीर निपुण रणवीर दुष्ट सब डरते है,
हर शनि मंगल वार ध्यान तेरा धरते है,
सुनिये पवन कुमार हरो भूभार प्राथना करते है,