हे माँ जननी हे माँ जननी,
कितने हम बदनसीब है,
ये क्या तुम्हें बताएं,
रक्षा को जिसकी जी रहे,
पत्थर वही बरसाए,
कोई कदर हमारी ना,
फिर भी यहाँ बैठे हैं,
कदर उन्ही की होती है,
जो महलों में लेटे है,
जिस हाल में भी रख ले,
भारत तेरे बेटे हैं।।
हे माँ जननी जन्मभूमि तू मेरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी,
हे मां जननी जन्मभूमि तू मेरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी।।
कुछ नहीं मिला हमें ना चाहिए कभी,
संकट में अपना देश साथ चाहिए अभी,
पैसे कमाने होते तो कहीं और कमाते,
अपनों को छोड़कर इतना दूर क्यों आते...-2
भारत भूमि है पहले सब बाद में नाते,
हे मां जननी जन्मभूमि तू मेरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी......
लाखों मिटे वतन पे मैं भी गया तो क्या,
माँ बाबा रो के बोलेंगे सर ऊंचा कर गया,
माँ तेरा छोटू सिंह रावणा वतन पे वार दूँ,
अगर दो साथ चीन पाक मैं भी झंडे गाड़ दूँ...-2
वचन है लौट आऊंगा मिलके पुकार दो,
हे मां जननी जन्मभूमि तू मेरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी....
हे माँ जननी जन्मभूमि तू मेरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी,
हे मां जननी जन्मभूमि तू मेरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी,
तेरे आंचल में है ममता कितनी भरी।।