देश अपना भारत इस धरती में सबसे न्यारा,
कही कल कल नदियां पुकारे कही पर्वत करे है इशारे,
अपना पल है यहाँ फ़िज़ा में मिले लोग सभी यहाँ प्यारे,
कही कल कल ....
कोई उर्दू कही हिंदी कोई पंजाबी कोई सिंधी,
सूंदर संस्कर्ति है यह की मिल जुल कर रहते है यहाँ सारे,
कही कल कल ....
कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा अनोखी हमारी,
कर के भारत के दर्शन हुए धनाये ये भाग हमारे,
कही कल कल ....