ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझ पे दिल कुर्बान।
तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान॥
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम।
चूम् लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम।
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम, तुझपे दिल् कुर्बान॥
माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू।
और कभी नन्ही सी बेटी बन के याद आता है तू।
जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू, तुझ पे दिल कुर्बान॥
छोड़ कर तेरी ज़मी को दूर आ पहुंचे हैं हम।
फिर भी है यही तमन्ना, तेरे ज़र्रों की कसम।
हम जहाँ पैदा हुए, उस जगह ही निकले दम, तुझ पे दिल कुर्बान॥