अरे 100/100 पड़े मुसीबत बेटा मर्द जवान में,
भगतसिंह कदे जी घबराज्या बंद मकान में.....
हिन्द्वासी ढंग नया करेंगे,
बड़ाई तेरी करया करेंगे,
शेर की मां मन्ने कह्या करेंगे हिन्दुस्तान में,
भगतसिंह कदे जी घबराज्या....
सारे के तेरे गीत सुंनुगी,
कदे तेरी मां मैं जरुर बनुंगी,
और अगले जन्म में फेर जनुंगी ऐसी संतान में,
भगतसिंह कदे जी घबराज्या.....
इसा एक घोरक धन्धा बणदे,
किला एक आजादी का चीण दे,
तेरे कैसा यो पूत जणदे ऐसा कोण जिहान में,
भगतसिंह कदे जी घबराज्या.....
मांगेराम गुरु का शरणा,
मरके भी नाम अमर से करणा,
और एक दिन होगा सबने मरणा सुरती ला भगवान में,
भगतसिंह कदे जी घबराजा तेरा बन्द मकान में.....
संदीप स्वामी
खिजूरीवास, अलवर (राज.)