मेरे मोहन तूँ मुरली बजा दे
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मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा दे,
नहीं, बजती तो, मुझको थमा दे ॥
तेरी, मुरली है, छैल छबीली,
इसकी, तान है, बड़ी ही सुरीली ॥
ज़रा, होठो से, लगा के दिखा दे ॥
नहीं, बजती तो, मुझको थमा दे ।
मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा...
तेरी, मुरली, बड़ी है निराली,
बाहर, सुन्दर है, अन्दर से काली ॥
ज़रा, मुख पे, लगा के दिखा दे ॥
नहीं, बजती तो, मुझको थमा दे ।
मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा...
तेरी, मुरली की, मीठी तान ने,
मेरे, मोहन, किया है दीवाना ॥
ज़रा, मीठी मीठी, तान सुना दे ॥
नहीं, बजती तो, मुझको थमा दे ।
मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा...
तेरी, मुरली मे, लग रही डोरियां,
जो, करती, दिलो की है चोरियां ॥
अपनी, मुरली को, कहीं पे छिपा दे ॥
नहीं, बजती तो, मुझको थमा दे ।
मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा...
क्या, करता है, मेरी मेरी,
मुरली, लगती, नहीं है ये तेरी ॥
तेरी, है तो, बजा के दिखा दे ॥
नहीं, बजती तो, मुझको थमा दे ।
मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा...
जब, मोहन तूँ, मुरली वजाए,
राधा, सुन के, दौड़ी चलीआए ॥
मोहन, नटखट, रास रचाए ॥
राधा, मस्त, मगन हो जाए ।
मेरे, मोहन, तूँ मुरली बजा...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल