बड़ा नटखट है रे कृष्णा कन्हैया
का करे यशोदा मैया
ढूंढे री अखिया उसे चहू ओर,
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर।
उड़ गया ऐसे जैसे पुरवईया,
का करे यशोदा मैया॥
आ तोहे मैं गले से लगा लूँ,
लागे ना किसी की नज़र, मन में छुपा लूँ।
धुप जगत है रे ममता है छईया,
का करे यशोदा मैया॥
मेरे जीवन का तू एक ही सपना,
जो कोई देखे तोहे, समझा वो अपना।
सबका है प्यारा, बंसी बजयिया,
का करे यशोदा मैया॥