मुरली बजावे नंदलाल....
मुरली बजावे नंदलाल ,सखिया दौड़ी आयी,
सखिया दौड़ी आयी
दौड़ी आयी रह न पाई
कैसा हुआ रे कमाल, सखिया दौड़ी आयी।
ऋषि मुनियों के मन को भाये,
जपि तपियो के होश उड़ाए -2
नाच रहे थे ताल, सखिया दौड़ी आयी
मुरली बजावे नंदलाल.....
भूल गए सब पीना खाना,
भूल गए रोटी परताना -2
सड़ के हो गयी लाल, सखिया दौड़ी आयी
मुरली बजावे नंदलाल.....
वृन्दावन में रास रचाये,
भर भर के पिचकारी लाये -2
खूब मचायो रे धमाल, सखिया दौड़ी आयी
मुरली बजावे नंदलाल सखिया दौड़ी आयी
दौड़ी आयी रह न पाई
कैसा हुआ रे कमाल, सखिया दौड़ी आयी।