कैसे लाऊं महामारी में जल गंगे महारानी से
अबकी काम चला ले भोले जिन आंखों के पानी से...-2
सावन के लगते ही मेरा दिल खाता हिचकोले,
बम बम के जयकारे को मेरी रसना बोले
अरे मेरी रसना बोले
तेरे कमल चरण से भोले...-2
मेरी प्रीत पुरानी से,
अबकी काम चला ले भोले जिन आंखों के पानी से...
महामारी के चलते भोले मेला तेरा बैन हुआ,
हे जितने कांवड़िए तेरे सबका दिल बेचैन हुआ
अरे सबका दिल बेचैन हुआ।
चप्पे-चप्पे पुलिस खड़ी हे...-2
ड्यूटी पे सावधानी से,
अबकी काम चला ले भोले जिन आंखों के पानी से.....
कहे अनाड़ी हालातों ने तुमको हमसे दूर किया,
हरिद्वार से जल लाने का सपना चकनाचूर किया
सपना चकनाचूर किया।
तेरी महिमा सागर गाए...-2
तेरी मेहरबानी से,
अबकी काम चला ले भोले जिन आंखों के पानी से.....