ष्मा प्रिये अनेश्वरा,शाश्वता दिगम्बरा ।
त्रिगेश्वरा,खट्टाविगे, महेश्वरा ओ शंकरा।।
गंगा धरा ,यगेश्वरा, स्ताविगे विशेश्वरा ।
क्षीतिविरा अनेश्वरा जटा धरा ओ शंकरा।।
दुनिया बनाने वाले ।
शंकरा, शंकरा,शंकरा,ओ शंकरा।।
बैठा ब्रह्मांड संभाले।
शंकरा, शंकरा, शंकरा,ओ शंकरा।।
दुनिया बनाने वाले।
बैठा ब्रह्मांड संभाले।।
जब धरती पे प्रयलय था।
तूने जीवित किये शिवालय।।
गंगा धरती पे उतारी।
तूने चाँद गगन पे धरा।।
शंकरा ओ शंकरा।।
सिंह बुषा धारी अब खोल नेत्रा।
देखले संसार मे ये क्या हो रहा।।
नील लोही वामदेव शीर्ष शेखरा।
मानव का हाल आके देखले ज़रा।।
हम आये तेरी शरण मे।
स्वग ठहरा है तेरे चरण में।।
तू दुनिया का रक्षक है।
तूने विष कंठ में भरा।।
शंकरा ओ शंकरा ।।