तू ही मेरी मैया जी,
तू ही शेरावाली वे तेरे,
भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी……
केड़े उगा दे विच बाई शेरावालि पिया,
केड़े युग प्रकट हुई शेरावाली,
वे तेरे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तुही मेरी मैया जी तुही दुर्गे काली
वे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी……
सत वे ऊगा दे विच बनी शेरावाली मैया,
कलयुग प्रकट हुई, शेरावाली,
वे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी……
पान सुपारी मैया, दध नरेया,
पान सुपारी मैया, दध नरेया,
पहलड़ी रेत च शेरावाली,
वे तेरे भगत खड़े दरबार शेरावालिये
तू ही मेरी मैया जी,
तू ही दुर्गे काली वे,
तेरे भक्त खड़े दरबार, शेरांवालिये,
तू ही मेरी मैया जी…