चलते-चलते तेरे दर पे आगए,
था मुकदर जिनका दर्शन पा गए
ऐ मेरी तकदीर तुझसे क्या मिला,
रास्ता मिलने पर भी गुमराह गये
कोन सी होगी घडी दीदार की,
हर घडी यु ही बिताए जा रहे
दिल की दिल में रह ना जाये हसरते,
हाल दिल ये सोचकर ही रह गये
दर पे जो आया वो खाली ना गया,
हम भी किस्मत आजमाने आ गये