मेरी अंखिया च शेरावाली माँ वस गई

मेरी अंखिया च शेरावाली माँ वस गई,
नैन खोला किंवे, नैन खोला किंवे
मेरे दिल विच माँ दी तस्वीर वस गई,
भेद खोला किंवे, भेद खोला किंवे
मेरी अंखिया च शेरावाली......


लोकी पुछदे तू मुंहो क्यों नहीं बोलदी,
तक्क दुनिया नु अक्खां क्यों नहीं खोलदी....-2
ए सुन के मै अख जरा होर कस लई।
नैन खोला किंवे, नैन खोला किंवे
मेरी अंखिया च शेरावाली......


मै ता डरदी सुरमा हां वी ना पांदी,
एहो गल मैंनु दिन रात मैनु खांदी.....-2
किते मैया नु सुरमे दी सलाई लग गई।
नैन खोला किंवे, नैन खोला किंवे
मेरी अंखिया च शेरावाली......


मेरे अपने बेगाने ताने मारदे,
ताने मार लैन मेरा की बिगाड़दे....-2
जान मेरी ता जा नी माँ दे नाल लग गई।
नैन खोला किंवे, नैन खोला किंवे
मेरी अंखिया च शेरावाली.......


मैं हां चंचल गुलाम उदे दर दी,
मैं हां नौकरानी मैया जी दे दर दी....-2
मेरे नैना विच मैया जी दी ज्योत जग गई।
नैन खोला किंवे, नैन खोला किंवे
मेरी अंखिया च शेरावाली माँ वस गई,
नैन खोला किंवे, नैन खोला किंवे
मेरे दिल विच ओदी तस्वीर वस गई,
भेद खोला किंवे,  भेद खोला किंवे.......
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