मेरा किसे ना पूछिये हाल माँ मैनु ला चरना दे नाल माँ
माँ तेरे दरबार दी ऊँची निराली शान है
तेरा जो वी हो गया, तू रखेया उसका मान है
कदे आया ना मेरा ख़याल माँ, मैनु ला चरना...
याद आई रो लिया, बुल्ल सी लए कई वार मैं
वस ना चलेया बेबस हो गया आ गया दरबार मैं
हुन दई ना मैनु टाल माँ, मैनु ला चरना...
लगेया ऐसा रोग जिसदी दवा ना कोई वैद माँ
जे तू चावे मूक वी सकदी जन्मा दी यह कैद माँ
आ हुन ते मैनु संभाल माँ, मैनु ला चरना...
विनती मेरी दातीये हुन ते करो परवान माँ
कर देओ जीवन दी हर मुश्किल मेरी आसान जी
करो पुरे सबदे सवाल माँ, मैनु ला चरना...
झोली अड्ड के बह गया आ मैनु दीदार दे
लखां पापी तर गए ने मैनु वी माँ तार दे
‘दर्शी’ वी तेरा लाल माँ, मैनु ला चरना...