तुम बिना मैं कुछ नहीं

तुम बिना मैं कुछ नहीं हूँ राधिके प्रिया  
जो भी था मेरा मेरा समर्पित तुमको कर दिया

तुम मुझसे दूर नहीं
मुझमे तुम समायी हो
मैं हु अगर काया तो  
तुम मेरी परछाई हो ओ राधे…

क्यों भला घड़ी विरह की आज है आयी
कैसे दूर रहे सकेगी तन से परछाई
सागर से लहर भला कैसे अलग रह पाएंगी
कृष्ण से जो दुरी हो राधा कहां सह पायेगी
ओ कृष्णा…
राधा राधा राधा राधा
कृष्ण कृष्ण कृष्ण

राधा राधा राधा राधा
कृष्ण कृष्ण कृष्ण

राधा कृष्ण राधा कृष्ण राधा कृष्ण
कृष्ण कृष्ण

राधा कृष्ण राधा कृष्ण राधा कृष्ण
कृष्ण कृष्ण

पाने को ही प्रेम कहे
जग की है यही रीत
प्रेम अर्थ समझायेगी  
राधा कृष्णा की प्रीत

श्रेणी
download bhajan lyrics (839 downloads)