सखी ले आओ रंग की पटारी,
हाए नी श्याम ले आये पिचकारी,
फाग महीना दिन होली के आये,
उडे है गुलाल बादल छाये ,
हुये रंग से बहरंग गिरधारी,
हाए..........
ग्वालो के संग सावरिया आये,
फुल्लो से खेले कभी माखन लुटाये,
देखो नी सीधी मेरी गली में मारी,
हाए.........
भाग ना जाये रखना पकड के,
प्यार के धागो से रखना जगड़ के,
हाए नी बडा शातर है देव खिलाडी,
हाए........