गोविन्द बोलो, हरी गोपाल बोलो,
राधा रमण हरी, गोविन्द बोलो,
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे, राधे,
तेरे बिना कृष्ण मेरे,
राधा रानी आधे,
तेरे बिना कृष्ण मेरे,
राधा रानी आधे।
कान्हा नित मुरली में तेरे,
सुमरे बारम्बार,
कोटिन रूप धरे मनमोहन,
तउ ना पावे पार,
रूप रंग की छबीली,
पटरानी लागे, पटरानी लागे,
मेन्नु खारो खारो,
जमुना जी को पानी लागे,
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे,
मेन्नु खारो खारो,
जमुना जी को पानी लागे,
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे।
मेन्नु खारो खारो....
यमुना मैया कारी कारी,
राधा गौरी गौरी,
वृन्दावन में धूम मचावे,
बरसाने री छोरी,
बृजधाम राधा जी की,
राजधानी लागे, राजधानी लागे,
मेन्नु खारो खारो,
जमुना जी को पानी लागे,
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे।
मेन्नु खारो खारो.....
ना भावे मन्न माखन मिश्री,
अब ना कोई मिठाई,
म्हारी जीभड़िया ने भावे,
अब राधा नाम मलाई,
वृषभानु की लाली तो,
गुड़धानी लागे, गुड़धानी लागे,
मेन्नु खारो खारो,
जमुना जी को पानी लागे,
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे।
मेन्नु खारो खारो.....
राधा राधा नाम रटत हैं,
जो नर आठों याम,
इनकी बाधा दूर करत हैं,
राधा राधा नाम,
राधा नाम से सफ़ल,
जिंदगानी लागे, जिंदगानी लागे,
मेन्नु खारो खारो,
जमुना जी को पानी लागे,
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे।
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे,
मेन्नु खारो खारो,
जमुना जी को पानी लागे,
मीठे रस से भरी रे,
राधा रानी लागे, राधा रानी लागे।