नन्द का जो प्यारा लाला गिरधर है गोपाला

नन्द का जो प्यारा लाला,
गिरधर है गोपाला,
मोर मुकुट बंसी वाला।।
जय हो राधे श्याम राधे श्याम,
राधे श्याम श्याम ।।

कण कण में है विराजे देवकी नंदन,
उसका सहारा बने जो भी करे वंदन,
निष्फल जाए कभी न इसका पूजन,
पावन करता है पतितो का तन मन,
लीला रचाये न्यारी श्याम मतवाला।।
नन्द का जो प्यारा लाला,
गिरधर है गोपाला,
मोर मुकुट बंसी वाला ।।
जय हो राधे श्याम राधे श्याम,
राधे श्याम श्याम ।।

हर लेता पल मे पीड़ा ये सारी,
भक्ति श्याम की बड़ी सुखकारी,
श्रद्धा से जो भी ध्यान लगाए,
मन वांछित फल श्याम से पाए,
सुख देकर दुःख हर लेने वाला।।
नन्द का जो प्यारा लाला,
गिरधर है गोपाला,
मोर मुकुट बंसी वाला ।।
जय हो राधे श्याम राधे श्याम,
राधे श्याम श्याम ।।

अवगुण हर के ये पाप मिटाये,
सबको कृपा से पार लगाए,
जीवन इसके करदे हवाले,
छुटकारा बाधाओं से पा ले,
भव से नैया को तारने वाला।।
नन्द का जो प्यारा लाला,
गिरधर है गोपाला,
मोर मुकुट बंसी वाला।।
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