कृपा तेरी अगर जो ना होती साँवरे,
रात दिन अखियां यु ही ये रोती सँवारे,
थक गई ज़िंदगी पाप धोते होये,
आंखे पथरा गई बाट जोते हुए,
मेहरबानी अगर जो न होती सँवारे,
रात दिन अखियां युही ये रोती सँवारे,
अपनी तकदीर से हम परेशान थे,
क्या से क्या हो गया देख हैरान थे,
किस्मत जो रंग लाइ ना होती सँवारे,
रात दिन अखियां युही ये रोती सँवारे,
मुझको औकात से जयदा तुमने दिया,
मोहित की भूल को माफ़ तुमने किया,
रेहमत तेरी अगर जो ना होती सँवारे,
रात दिन अखियां युही ये रोती सँवारे,