बाजें सांसो की शहनााई,
मैया निर्धन के घर आई,
मेरी अखियां खुशी से आज रो पड़ी,
कर दी मैया ने पवित्र मेरी झोंपड़ी,
कर दी मैया ने.......
देखो सच हुआ सपना गरीब का,
पासा पलट गया मेरे नसीब का,
मिले ममता की छांव,
धरती पे ना पड़े पांव,
आई खुशियां मनाने की है यह घड़ी,
कर दी मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी.....
देखो आई वो तो मेवा मिश्री खाने,
भोग हलवा पूरी का लगाने,
मईया घर में आन बिराजी,
भोग लगाये राजी राजी,
यहाँ रूखी सुखी खाये बिना चोपड़ी,
कर दी मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी.....
जैसे राम जी ने शबरी को तारा,
वैसे कृष्ण ने विदुर को उभारा,
वैसे अंबे आदि भवानी,
जय जय जगदंबे महारानी,
हमें तारने को आयी सिंधु पे चढ़ी,
कर दी मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी......
उसे जाने नहीं दूंगी किसी और से,
उसे बांध लूंगी भावना की डोर से,
मैया भक्तों की रखवाली,
सबकी रक्षा करने वाली,
उसकी सेवा में रहूंगी सदा मैं खड़ी,
कर दी मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी,
बाजें सांसो की शहनााई,
मैया निर्धन के घर आई,
मेरी अखियां खुशी से आज रो पड़ी,
कर दी मैया ने पवित्र मेरी झोंपड़ी.......