तेरा भवन है रंग भिरंगा भगे चरना दे विच गंगा,
लगदा हर इक न चंगा दातिए,
आया मैं वेखन नू मथा टेकन नु माँ,
तेरे चरना दे विच नील कंठ जी आन खड़े.
तेरे दर ते भरमा जी ने चारे वेद पड़े,
तेरी गरुड़ सवारी विष्णु देव करदे माँ,
तेरे इन्दर वर्गे देवते पानी भरदे माँ,
तनु पूजे व्यास मतंग जी,
रानी अंदर वीर भूषण जी,
करे वीणा नाव दी वंग जी,
आया मैं वेखन नू मथा टेकन न माँ,
तू धानु ते शम्भू दे भगत भी तारे माँ,
तू नन्द लाल निर्धन दे काज सवार माँ,
तू तारे ते रुक्मण दी विपत मताई माँ,
तू रजो ते धर्मो दी लाज बचाई माँ,
अकबर न रंग विखाया चल नंगे पेरी आया,
सोने दा छतर चढ़ाया,
आया मैं वेखन नू मथा टेकन न माँ,
तेरी मेहर हॉवे ते गाइये तेरे रागा नु,
तेरे कर्म तो विपर पाउंदे माँ परवाजा नु,
मैं रीजा नाल मलिया माँ दलीजा नु,
कर दें दलीला पुरिया मेरिया रीजा नु,
सुख वंडे तेरा द्वारा जिस द्वार चुके जग सारा,
पंक्षी एह कौन विचारा दातिए सुन ले सुन ले.
आया मैं वेखन नू मथा टेकन न माँ,