मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥
ओ कान्हा मोहे, टीका लाइ दे रे,
पहन के निकलूं जब वृन्दावन,
कर तैयारी रे॥
मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥
ओ कान्हा मोहे, झुमका लाइ दे रे,
जाऊं पहन के मथुरा,
देखें सब नर नारी रे॥
मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥
ओ कान्हा मोहे, बाजूबंद लाइ दे रे,
जाऊं पहन गोवर्धन,
देखे दुनिया सारी रे॥
मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥
ओ कान्हा मोहे, चूड़ी लाइ दे रे,
जाऊँ पहन के गोकुल,
लागूं सबसे से न्यारी रे॥
मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥
ओ कान्हा मोहे, नथिनी लाइ दे रे,
के बरसाने जाऊं पहन के,
देखें सखी हमारी रे॥
मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥
ओ कान्हा मोहे, पायल लाइ दे रे,
अरे अरे नंदगाँव के लाला,
जाऊं तो पे वारी रे॥
मधुवन में रूठ गई राधा,
बरसाने वाली रे॥