शैर:-वो गुल किस काम का,जिस गुल में
खुशबु ना हो
वो दिल किस काम का,जिस दिल में
बिहारी जी तू ना हो
तरज़:-मुझको यक़ीं है आयेगा,मेरा यार
सांवरा
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास....
1.चौखट पे तेरी बैठा,विश्वास को जगाये
कही बुझ ना जाये दीपक,आकर इसे सम्भांलो
कोई नहीं है मेरा,आकर गले लगालो
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास....
2.दुनिया की खाई ठोकर,अब तक मिला ना दर
दर दर से हूँ निकाला,इस दर से ना निकालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास....
3.बदनाम करके छोड़ा,अपने हुऐ बैंगाने
कहाँ जाके मुँह छुपाऊँ,कमली में तुम छुपालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास....
4.तेरे नाम करके जीवन,आया शरण तिहारी
छिपते क्यों हो मुझसे,पर्दा जरा हटालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास....
5.माना नहीं हूँ काबिल,फिर भी तुम्हारा पागल
गोपाल के सांवरिया,चरणों में अब बिठालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो
हरिदास के बिहारी,मुझको गले लगालो,
कोई नहीं है मेरा,आकर मुझे बचालो,
हरिदास....
श्री हरिदास निष्काम संर्कींतन