जिस दिन ए मुरली वाले,
मैं अपना घर बनवाऊँगी,
उस घर की मैं ईंट ईंट पर,
जय श्री श्याम लिखवाउंगा,
कहने को तो मुरली वाले,
सारा घर मेरा होगा,
लेकिन उस छोटे से घर में,
एक कमरा तेरा होगा,
जोत जलेगी उसमे तेरी,
नैन को भजन सुनाऊँगा,
उस घर की मैं ईंट ईंट पर,
जय श्री श्याम लिखवाउंगा,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम।
घर की हर दीवार पर मोहन,
इक तस्वीर लगी होगी,
कहीं पर होगा मोर पंख,
और कहीं पर मुरली होगी,
मन मोहन तेरी प्यारी मूरत,
को मैं रोज सजाऊँगा,
उस घर की मैं ईंट ईंट पर,
जय श्री श्याम लिखवाउंगा,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम।
गृह प्रवेश जब होगा मेरा,
जोत तेरी जलवाऊंगा,
सवामणी करवाकर तेरी,
तुझको भोग लगवाउँगा,
दूर दूर से मैं साँवरिया,
श्याम भक्त बुलवाउंगा,
उस घर की मैं ईंट ईंट पर,
जय श्री श्याम लिखवाउंगा,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम।
उस घर के हर प्राणी की,
तुझको चिंता करनी होगी,
लाज ना जाएँ कहीं कभी भी,
सदा कृपा रखनी होगी,
कहता संजू कभी नहीं,
उपकार तेरा बिसराऊँगा,
उस घर की मैं ईंट ईंट पर,
जय श्री श्याम लिखवाउंगा,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम।