मैंने देख लई आंखों से,
बाबा जी तेरी शान निराली है॥
सील संत शिव जी का मंदिर कटवा जाली हैं,
सीताफल का वृक्ष खड़ा जाकी झुक रही डाली है,
मैंने देख लई आंखों से बाबा जी तेरी शान निराली है॥
गहरा खुद रहा बाग चरे गऊ ना कोई पाली है,
दादर मोर पपैया बोले कोयल काली है,
मैंने देख लई आंखों से बाबा जी तेरी शान निराली है॥
गुजरियों का लारा हांडे भोली भाली है,
माटी छांटें शक्कर बांटे भर भर थाली हैं,
मैंने देख लई आंखों से बाबा जी तेरी शान निराली है॥
तुलेराम नै भी छोड़ दायी सब चाल कुड़हाली है,
रामचंद्र नै लगा दयी ताले मैं चाबी है,
मैंने देख लई आंखों से बाबा जी तेरी शान निराली है......