दस केहड़ा रूप तेरे लई सजावा के खुश रहे तू सजना,
तेरे वास्ते मैं कंजरी कहावा के खुश रहे तू सजना,
तू मस्त मौला असि कख दे नहीं,
बस झूठियाँ आसा रखदे नहीं,
तू मुरशद है असि चेले हां बस तेरे कम लई वेले आ,
दे ला तू जिहनिया देनिया सजावा के खुश रहे तू सजना,
इक सजना तनु पाउन लई ऐसी इक सूली चढ़ जा गे,
ये रेहमत हो जे सइयां दी भव सागर तो भी तर जावा गे,
सिर आगे सरकार दे झुकाव के खुश रहे तू सजना,
जीवे पिंड खुनखना वाला भी मस्त दी पूजा करदा है,
पिंड रमन सिद्धू भी लगदा है बाह मुरशद पाक दी फड़ दा है,
बुल्ले वांगु मैं भी सइयां नु मनावा के खुश रहे तू सजना,