अपनों की कहूँ, क्या मैं तुझसे प्रभु,
कौन अपना है ये, जानता है भी तू,
डाल मुझ पे नजर, तू मेरा हमसफर,
है ये जग को बता दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया।
जब लगा मैं गिरा, थाम तूने लिया,
फिर दोबारा ना गिरने दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया।।
जिसपे पड़ जाती है, श्याम तेरी नजर,
डगमगाती नहीं, कभी उसकी डगर.....-2
संकटों ने ना फिर, मुड़के उसकी तरफ,
रुख़ दोबारा कभी भी किया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया......
मेरी है एक अर्ज, तुमसे ऐ सांवरे,
देना कुछ भी ना देना अहम सांवरे.....-2
गाऊं तेरे मैं गुण, हर जगह घूम घूम,
श्याम ने क्या से क्या कर दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया,
जब लगा मैं गिरा, थाम तूने लिया,
फिर दोबारा ना गिरने दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया.......