श्याम देता रहा मैं लेता रहा
श्याम के आसरे मैं तो चलता रहा
है सहारा मुझे इस के ही नाम का
पास जो कुछ भी है दिया श्याम का
पास कुछ भी न था जब मैं इसका हुआ
सब चमत्कार बाबा ने ही ये किया
भर दियां मेरा घर आया हु जब से दर शीश के दानी ने कर्म मुझपे किया
है एहसान मुझपे खाटू श्याम का
पास जो कुछ भी है दिया श्याम का
तू मेरा मालिक है ये मेरा भगवान् है
चुका सकता नही जितना एहसान है
मैं गया हु जिधर उस को पाया उधर
हर डगर पे चला ऊँगली को थाम है
दिया जीवन बड़े ही सुख आराम का
पास जो कुछ भी है दिया श्याम का
तेरा भी नही मेरा भी नही ये तन है दिया है मेरे श्याम का,
तेरा हक नही मेरा हक नही ये धन जो दिया मेरे श्याम का
हो ये जीवन रिनी है मेरे श्याम का
पास जो कुछ भी है दिया श्याम का