कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे,
कबहुँ मिलोगे राम, कबहुँ मिलोगे श्याम,
कबहुँ मिलोगे चितचोर हमारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे।
जैसे मिले प्रभु बलिराजा सो,
चार मॉस द्वारे पे ठाडे,
जैसे मिले प्रभु ध्रुपद सुता सो,
खेंचत चीयर दुशाशन हारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे।
जैसे मिले प्रह्लाद भगत सो,
खम्ब फाड़ हिरणाकुश मारे,
जैसे मिले प्रभु भगत विभीषण,
लंका जार निसाचर मारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे।
जैसे मिले प्रभु नरसी भगत सो,
भात भरण हरी आप पधारे,
सूरदास को कबहुँ मिलोगे,
टपकत टपकत नैन हमारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे।
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे,
कबहुँ मिलोगे राम कबहुँ मिलोगे श्याम,
कबहुँ मिलोगे चितचोर हमारे,
कबहुँ मिलोगे दीनानाथ हमारे॥