पिया पिया मैं रटु और एक पल रहा ना जाए,
मैं पिया की बावरी और सुद्ध बुद्ध दीन्हि बिसराये।।
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी,
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी,
मोहे पागल कहे दुनिया सारी, दीवानी मैं तो ऐसी कही,
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी।।
मोरे मुकुट और लट घुँघराली, मुरली अधरन कमली काली,
ओ तेरी चितवनि पे ओ गिरधारी, उम्र मैंने वार दायी,
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी।।
ऐसी छवि बसी है मन में, श्याम ही श्याम दिखे कण कण में,
हो चाहु शरण में अब तो तुम्हारी, दिखाओ राह अब तो नयी,
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी।।
बाँधी उनसे प्रीत की डोरी, राजू इसमें कैसी चोरी,
हो कब आएगी विकास की बारी, मोहे ये बताओ तो सही,
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी,
मोहे पागल कहे दुनिया सारी, दीवानी मैं तो ऐसी कही,
ओ बस गए नैनो में बांके बिहारी, मेरी तो सारी नींद गयी........