मिले सतगुरु जिन्दगी मिल गई है,
की मुरझाये दिल की कली खिल गई है,
ये एहसान सतगुरु का हम पर हुआ है,
के मन का अँधेरा सभी मिट गया है,
हमें ज्ञान की रोशनी मिल गई है,
की मुरझाये दिल की कली खिल गई है,
नपाया जिसे दिल की वीरानियों में ना दुनिया के ऐश और समानियो में,
गुरु चरणों में वो ख़ुशी मिल गई है,
की मुरझाये दिल की कली खिल गई है,
चरणों में आके जो सिर को झुकाया संसार का मैंने हर सुख पाया,
हमें आज खुश किस्मती मिल गई है,
की मुरझाये दिल की कली खिल गई है,
ज़माने ने हम को सताया बहुत था के दुखो ने हमको रुलाया बहुत था,
मगर आप से वो हसी मिल गई है,
की मुरझाये दिल की कली खिल गई है,