जाएगा जब जहाँ से, कुछ भी ना पास होगा,
दो गज कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ॥
काँधे पे धर ले जाए, परिवार वाले तेरे,
यमदूत ले पकड़कर, घूमेंगे घेरे घेरे,
पीटेगी छाती अपनी, फूलवा उदास होगा,
दो गज कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ॥
चुन चुन के लकडियो में, रखदें तेरे बदन को,
आकर झट उठा लेंगे, मेहतर तेरे कफ़न को,
देदेगा आग तुझको, बेटा जो पास होगा,
दो गज कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ॥
मिट्टी में मिले मिट्टी, बाकी सब ख़ाक होगी,
सोना सी तेरी काया, जल कर के राख होगी,
दुनिया को त्याग तेरा, मरघट में वास होगा,
दो गज कफ़न का टुकड़ा तेरा लिबास होगा ॥