महागौरी दया कीजे, जगजननी दया कीजे,
उमा रमा ब्रह्माणी, अपनी शरण लीजे॥
महागौरी दया कीजे......
गौर वर्ण अति सोहे, वृषभ की असवारी,
श्वेत वस्त्रों में मैया, लागे छवि प्यारी,
महागौरी दया कीजे......
सृष्टि रूप तुम्ही हो, शिव अंगी माता,
भक्त तुम्हारे अनगिन, नित प्रतिगुण गाता,
महागौरी दया कीजे......
दक्ष के घर जन्मी तुम, ले अवतार सती,
प्रगटी हिमाचल के घर, बन शिवा पार्वती,
महागौरी दया कीजे......
नवदुर्गों में मैया, आठवाँ तेरा स्वरूप,
शिव भी मोहित हो गये, देख के तेरा रूप,
महागौरी दया कीजे......
आठवें नवरात्रे को, जो व्रत तेरा करे,
पाता प्यार तुम्हारा, भव सिन्धु वो तरे,
महागौरी दया कीजे......
वेद पुराण में महिमा, तेरी माँ अपरम्पार,
हम अज्ञानी कैसे, पायें तुम्हारा पार,
महागौरी दया कीजे......
महागौरी महामाया, आरती तेरी गाते,
करुणामयी दया कीजे, निशदिन तुझे ध्याते,
महागौरी दया कीजे......
शिव शक्ति महागौरी, चरण शरण लीजे,
बालक जान के अपना, हमपे दया कीजे,
महागौरी दया कीजे......
महागौरी दया कीजे, जगजननी दया कीजे,
उमा रमा ब्रह्माणी, अपनी शरण लीजे॥
महागौरी दया कीजे......