साई तेरा चाकर हूँ मैं,
स्वामी है तू नौकर हूँ मैं,
मुझे इतना ही कहना है,
तेरी शिरडी में रहना है,
तेरी शिरडी में रहना है,
साई तेरी चाकर हूँ मैं,
स्वामी है तू नौकर हूँ मैं,
मुझे इतना ही कहना है,
तेरी शिरडी में रहना है,
तेरी शिरडी में रहना है॥
मेरा राम भी तू मेरा कृष्ण भी तू,
तुझे शिव शंकर मैंने माना,
तुझे अल्लाह कहू या कहू ईश्वर,
हर रूप का मैं हूँ दीवाना,
तेरी नाम की मैं जपती हूँ माला,
अंधेरे मिटा कर मुझे दो उजाला,
बूँद हूँ मैं सागर है तू,
राही हूँ मैं रहबर है तू,
मुझे इतना ही कहना है,
तेरी शिरडी में रहना है,
तेरी शिरडी में रहना है॥
जैसी तात्या पे की तूने करुणा बड़ी,
वैसी मुझपे दया कर देना
तूने लक्ष्मी की जैसे कष्ट हरे,
दुःख दर्द मेरे हर लेना,
चरणों से अब ना मुझे दूर करना,
बाबा ये विनती मंज़ूर करना,
नैया हूँ मैं केवैया है तू,
रचना मैं रचैया है तू,
मुझे इतना ही कहना है,
तेरी शिरडी में रहना है,
तेरी शिरडी में रहना है॥
साई तेरा चाकर हूँ मैं,
स्वामी है तू नौकर हूँ मैं,
मुझे इतना ही कहना है,
तेरी शिरडी में रहना है,
तेरी शिरडी में रहना है॥